अभी अभी आग जलाई है, राख़ बनना बाक़ी है, अभी तो गिलास मे उड़ेला है, मयकशी करना बाक़ी है, अभी तो कलम पकड़ा है, स्याही उतारना बाक़ी है, अभी तो ये अल्फ़ाज़ है मेरे, शायरी बनना बाक़ी है || ______________________________________________________ Abhi...
कभी फुर्सत मे ये राज़ तो बता, रहती है कैसे खुशमिज़ाज़ तो बता, राख़ कर के घर ओरो का, होती है कैसे इश्क़ मिज़ाज़ तो बता || ________________________________________________ Kabhi fursat me ye raaz to bta, Rehti hai kese khush mizaaz to bta, Raakh kar ke ghar auro ka, Hoti hai kese ishq mizaaz to bta ||
दिन रात हुँ मैं मेहनत करता, अपने परिवार की गुहार हुँ मैं, बेरोजगार हुँ मैं || देखो मुझे किसी भी रूप मे, निराकार हु मैं, बेरोजगार हुँ मैं || अपने मा, भाई, रिश्तेदारों की, समस्याओ का ग...
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