क्या हो गया मेरे देश को ये (Kya ho gya mere desh ko ye)
क्या हो गया मेरे देश को ये और क्या क्या यहां गवारा है सुना है कल फिर किसी भीड़ ने इंसानियत को मारा है शायद नहीं था भीड़ मे इंसान कोई नहीं देख सका कोई आँखों का आब कैसे रुलाया है बांध के उस लाचार को और ख़तम किया परिवार के सब ख्वाब देखो जरा मारने वालो कितना तुमने रुलाया है उस परिवार के गुज़ारे का तुमने दम तुड़वाया है कैसे करते हो इतनी जुर्रत किसका तुमपे साया है समय के चक्रव्यूह से कोई नहीं बच पाया है किस मुँह से लेते हो राम जी का नाम तुमने राम जी का दिल भी दुखाया है किसी लाचार को बांध के मार देना राम जी ने कभी नहीं सिखलाया है डटे रहो मिल के एक साथ यही भारत देश की अखंडता है मिल के मनाओ ईद दिवाली यही भारतवर्ष की सुंदरता है