Ye bhi mohabbat hai

देख के तुझको मेरा यूँ ठहर सा जाना
तुझसे बात करते वक़्त मेरा अजीब सा घबराना
तेरे चेहरे के इक निशान पे मेरे नज़रो का रुक जाना
ये भी मोहब्बत है ||

आंखे मेरी चाहे तुझे इक टक से देखना
हक़ नहीं पर चाहता हुँ हक़ीक़त करना
चाहे दिल पूरा दिन सिर्फ तेरे बारे मे सोचना
ये भी मोहब्बत है ||

छोटी छोटी बातो मे तेरा यूँ नाजुक हो जाना
आँसु छुपाने की साज़िश मे बार बार मेरी तरफ देखना
इन्ही हरकतो से दिल के आख़री छोर तक उतर जाना
ये भी मोहब्बत है ||

तेरी क़ातिलाना नज़रो पे पूरी शाम का यूँ गुज़र जाना
रातो को तेरी यादो मे मेरी नींद का घर के बाहर रहना
और सुबह सुबह तेरा मेरी चाय मे घुल जाना
ये भी मोहब्बत है ||

तेरे बारे मे जिगरीयों को भी कुछ ना बता पाना
इतनी सी उम्र मे तुझे मेरी शायरी मे घसीट लाना
मालूम पड़ता है अनजाने मे मेरा इक तरफा आशिक हो जाना
ये भी मोहब्बत है ||




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